टूटते तारे को देख कर हमें उसकी याद आती है
मिलती है जब भी हमसे
आखे सपनो से खुल जाती है झट से
ये सपने तो सपने ही है । …..
एक चिड़िया पेड़ो की डाली
घर उसका पत्तो के बीच
अधरो की कहानी
दिल की बाटे जज्बात से
खता हुई आग से
हम मिलकर हुए
न मिले
खुद कसम रब ही जाने
”””””””क्या हमारी अधूरी कहानी ””””
ज़िन्दगी छोटी सी पहेली थी
दिल से बो अकेली थी
हमने उनका साथ मांगा\
पर चपलो से मुझे मारा दिल था पागल बेचारा
हम मिले सागर में
डूब गई उसकी साँसे
हमने उन्हें दरिया से निकाला
जान बचा ली जैसे खुद की
खुद ने उनको सभाला
दूसरी मुलाकात मदिर में हुई
हम भगबान से उनकी खुशिया माग रहे थे
आखे हमारी बंद थी
वो जाने क्यों हमें तक रहे थे
झूठ मुठ आखे हमने बंद की उसने तब हम भी चल दिए
अपने रस्ते
पर उन्होंने हमारा हाथ पकड़ लिया
कहा रब से साथ में दुआ लेकर जाना
हम हो गए राज़ी
क्या हुआ जो पलट गई बज़ी
अगले दिन फिर मुलाकात हुई
है हाय कहा
पर बो मुह फेर कर चले गए
जाने आज क्या हुआ
जो यु सजा दे गए
कुछ साल बीत गए
सपनों में हम तारे गिनते रहे
हमने जाने कितने गाने गए सब हिट गए
वो याद अब भी आती है
आसु रोते अब भी है
दिल जुदा अब भी है
कुछ दिनों से तबियत हमारी ख़राब थी
हम न चलने की फ़िदात में थे
एक नर्स बुलाई
देखा तो हम भी बदल गए पुराने प्यार को देखर
हम और बिगड़ गए
नाटक करने लगे और बीमारी का
पांच दिन ख्याल रखा
खिचड़ी खाकर मै भी पका
छोड़ बीमारी का नाटक
गले उनहे लगा लिया
अपने प्यार का इज़हार किया
पर उसने माना कर दिया
बो रो कर चले गए
हमने हार न मानी
अगले दिन पता चल गया की बो मदिर में है
हम उनके लिए दुआ माग रहे थे
बो फिर हमारे पास खड़े थे
यु हमें तक रहे थे
और हम चलने लगे
और उहोने हमरे हाथ पकड़ लिया
बो कहने लगे
चाहते तो हम बहुत है
रब की कसम मरने का मन है तुम्हारी बहो में
जान भी दे दे तुम्हे पर एक खता है
पर एक खता है
बो फिर बहोस हो गए
डॉक्टर ने कहा
इनके जीने के दिन खत्म हो गए
दिमाग में कैंसर था
आग उसकी आखरी रात थी
अधरो की कहानी
दिल की बाटे जज्बात से
खता हुई आग से
हम मिलकर हुए
न मिले
खुद कसम रब ही जाने
”””””””क्या हमारी अधूरी कहानी ””””
मिलती है जब भी हमसे
आखे सपनो से खुल जाती है झट से
ये सपने तो सपने ही है । …..
एक चिड़िया पेड़ो की डाली
घर उसका पत्तो के बीच
अधरो की कहानी
दिल की बाटे जज्बात से
खता हुई आग से
हम मिलकर हुए
न मिले
खुद कसम रब ही जाने
”””””””क्या हमारी अधूरी कहानी ””””
ज़िन्दगी छोटी सी पहेली थी
दिल से बो अकेली थी
हमने उनका साथ मांगा\
पर चपलो से मुझे मारा दिल था पागल बेचारा
हम मिले सागर में
डूब गई उसकी साँसे
हमने उन्हें दरिया से निकाला
जान बचा ली जैसे खुद की
खुद ने उनको सभाला
दूसरी मुलाकात मदिर में हुई
हम भगबान से उनकी खुशिया माग रहे थे
आखे हमारी बंद थी
वो जाने क्यों हमें तक रहे थे
झूठ मुठ आखे हमने बंद की उसने तब हम भी चल दिए
अपने रस्ते
पर उन्होंने हमारा हाथ पकड़ लिया
कहा रब से साथ में दुआ लेकर जाना
हम हो गए राज़ी
क्या हुआ जो पलट गई बज़ी
अगले दिन फिर मुलाकात हुई
है हाय कहा
पर बो मुह फेर कर चले गए
जाने आज क्या हुआ
जो यु सजा दे गए
कुछ साल बीत गए
सपनों में हम तारे गिनते रहे
हमने जाने कितने गाने गए सब हिट गए
वो याद अब भी आती है
आसु रोते अब भी है
दिल जुदा अब भी है
कुछ दिनों से तबियत हमारी ख़राब थी
हम न चलने की फ़िदात में थे
एक नर्स बुलाई
देखा तो हम भी बदल गए पुराने प्यार को देखर
हम और बिगड़ गए
नाटक करने लगे और बीमारी का
पांच दिन ख्याल रखा
खिचड़ी खाकर मै भी पका
छोड़ बीमारी का नाटक
गले उनहे लगा लिया
अपने प्यार का इज़हार किया
पर उसने माना कर दिया
बो रो कर चले गए
हमने हार न मानी
अगले दिन पता चल गया की बो मदिर में है
हम उनके लिए दुआ माग रहे थे
बो फिर हमारे पास खड़े थे
यु हमें तक रहे थे
और हम चलने लगे
और उहोने हमरे हाथ पकड़ लिया
बो कहने लगे
चाहते तो हम बहुत है
रब की कसम मरने का मन है तुम्हारी बहो में
जान भी दे दे तुम्हे पर एक खता है
पर एक खता है
बो फिर बहोस हो गए
डॉक्टर ने कहा
इनके जीने के दिन खत्म हो गए
दिमाग में कैंसर था
आग उसकी आखरी रात थी
अधरो की कहानी
दिल की बाटे जज्बात से
खता हुई आग से
हम मिलकर हुए
न मिले
खुद कसम रब ही जाने
”””””””क्या हमारी अधूरी कहानी ””””
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